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Monday 15 January 2018

Gk - माउंट एवरेस्ट

1). नेपाल में स्थित माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत हैं। इसकी ऊंचाई समुंद्र तल से 8848 मीटर हैं।
2). एवरेस्ट पर्वत का नाम इंग्लैड के वैज्ञानिक जार्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया हैं। जार्ज ने 13 साल तक भारत की सबसे ऊंची चोटियों का सर्वेक्षण किया था।
3). नेपाल में माउंट एवरेस्ट को स्थानीय लोग सागरमाथा (अर्थात स्वर्ग का शीर्ष) नाम से जानते हैं, जो नाम नेपाल के इतिहासविद बाबुराम आचार्य ने सन् 1930 के दशक में रखा था। तिब्बत में इसे सदियों से चोमोलंगमा अर्थात पर्वतों की रानी के नाम से जाना जाता है।
4). एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचने के लिए 18 अलग-अलग रास्ते मौजूद है।
5). अप्रैल 2015, में आए भूकंप के कारण माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 1” इंच कम हुई है।
6). अभी तक 19 भारतीयों ने एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता हासिल की है।
7). एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए पहले लोगो को लगभग 15 लाख रूपए फीस देनी होती थी लेकिन 2015 मे नेपाली सरकार ने इसे कम करके लगभग 7 लाख कर दी।
8). एवरेस्ट की चोटी पर हवा की रफ्तार 321 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है और यहां का तापमान -80° डिग्री फारेनहाइट तक जा सकता हैं।
9). एवरेस्ट पर 120 टन कचरा मौजूद है इसमें ऑक्सीजन टैंक, टेंट आदि सामान शामिल है। 2008 से 2011 तक एवरेस्ट पर चलाए सफाई अभियान में 400 किलोग्राम कचरा हटा दिया गया।
10). जॉर्डन रोमेरो दुनिया के सबसे छोटे और यूइचिरो मियूरा दुनिया के सबसे बड़े इंसान है जिन्होनें एवरेस्ट फतह की। इन्होनें ये कारनामा क्रमश: 13 और 80 साल की उम्र में किया।
11). एवरेस्ट पर चढ़ने का सबसे अच्छा समय है मार्च और मई के बीच.. क्योकिं इस समय ना तो बारिश ज्यादा होती है और बर्फ भी ताजा रहती है।
12). एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने के लिए 2 महीने का समय लगता है और एक आदमी का खर्च लगभग 80 लाख रूपए आता है। इसमें नेपाल की हवाई यात्रा भी शामिल हैं।
13). एवरेस्ट पर्वत की ऊंचाई हर साल लगभग 1 इंच बढ़ जाती है। ऐसा इरशियन और भारत-आस्ट्रेलियन प्लेट टकराने के कारण होता है।
15). वैसे तो एवरेस्ट की चोटी से नीचे उतरने के लिए 3 दिन का समय लगता है लेकिन 2011 में 2 नेपाली पैरागलाडिंग की सहायता से मात्र 48 मिनट में नीचे उतर आए थे।
16). आज तक लगभग 5000 लोग एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश कर चुके है उनमें से करीब 280 लोग चढ़ते समय अपनी जान गवाँ चुके है। उनकी लाशें यही पड़ी हुई है कई बार तो लोग इनका सहारा लेकर ऊपर भी चढ़ते है।
17). पिछले 42 सालों में सिर्फ 2015 को छोड़कर कोई ऐसा साल नही गया जब किसी न किसी ने एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी न की हो। 2015 में कोई अभियान इसलिए सफल नही हो पाया क्योकिं अप्रैल में नेपाल में 7.8 की तीव्रता का भूकंप आया था।
18). वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में कहा जाता है कि एवरेस्ट की ऊंचाई प्रतिवर्ष 2 से॰मी॰ के हिसाब से बढ़ रही है।
19). एवरेस्ट पर सबसे ज्यादा मौते शिखर के करीब के हिस्से में होती हैं। इसे डेथ जोन भी कहा जाता हैं। लोग अक्सर यही जगह पर गलती करके अपनी जान गवां बैठते हैं।
20). एवरेस्ट पर्वत समुन्द्र तल के हिसाब से दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत हैं, पर अगर बात तल से लेकर शिखर तक की ऊंचाई की जाए तो हवाई द्वीप समूह का माउना केआ पर्वत माउंट एवेरेस्ट से भी एक किलोमीटर लम्बा हैं। माउना केआ पर्वत का लगभग 6000 मीटर का हिस्सा समुन्द्र में हैं और बाकि समुन्द्र से बाहर। समुन्द्र तल से इसकी ऊंचाई 4207 मीटर हैं।
21). एवरेस्ट शिखर की ओर जाने वाले मार्ग का दो-तिहाई भाग पृथ्वी के वायुमंडल के उस हिस्से में है, जहाँ ऑक्सीजन का स्तर कम है। ऊपरी ढलानों पर ऑक्सीजन की कमी, तेज़ हवाओं तथा अत्यधिक ठंड के कारण किसी प्रकार का वानस्पतिक या प्राणी जीवन सम्भव नहीं है।
22). संस्कृत में एवरेस्ट पर्वत को देवगिरी कहा जाता है। अपनी विशालता की वजह से इसे विश्व का मुकुट भी कहा जाता है।
23). एवरेस्ट 60 मिलियन साल पुराना है हर वक्त यहाँ बर्फबारी होते रहती है। एवरेस्ट पर्वत का गठन का कारण है, जब लोरेशिया का महाद्वीप टुटा तो वह एशिया के उत्तर दिशा के तरफ बढ़ते हुए उससे जा टकराया। पृथ्वी के भू- पटल की दो प्लेटों के बीच का समुद्र तल टूट गया और भारत उत्तरी किनारों में फ़ैल गया, इस तरह से माउंट एवरेस्ट और हिमालय पर्वत की उत्त्पति हुई।
24). एवरेस्ट पर्वत पर पहली चढाई एडमंड हिलारी और तेनजिंग नोरगे ने की थी। एडमंड हेलेरी जो की न्यूजीलैंड के थे और तेनजिंग नोरगे जो कि नेपाल के थे, उन्होंने 29 मई 1953 को एवरेस्ट पर फतह की थी। इनके बाद से 3448 व्यक्ति पर्वत पर चढ़ चुके है।
25). सबसे ज्यादा बार चढ़ाई करने का रिकॉर्ड नेपाल के अपा शेरपा जो प्रभु ताशी शेरपा के नाम से भी जाने जाते है, ने 11 मई 2011 से 19 मई 2013 के बीच 21 बार पर्वत पर चढ़ाई की।

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